धन्य-धन्य हो गांधी बापू धन्य तेरी कुरबानी।
हो धन्य तेरी कुरबानी।
भूल नहीं सकती है दुनिया तेरी अमर कहानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
यह तेरा ही खून नहीं है मानवता का।
खून अमन का आजादी का दुखियारी जनता का।
सबके मुख पर आ!सू हैं सबके मुख पर वीरानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
हम सब तेरे कातिल हैं हम खूनी तेरे बापू।
पाप कभी यह धो न सकेंगे सारी कौम के आ!सू।
दाग कभी यह धो न सकेगा गंगा का भी पानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
तूने सीना तान के शाही ताकत को ललकारा।
'छोडो भारत' 'छोडो भारत' गज उठा था नारा।
जेलों में बन गयी बुढापा तेरी वीर जवानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
तू अ!धियारे भारत में उजियारा बनकर आया।
घर-घर जाकर तूने आजादी का दिया जलाया।
तुझसे ही हमने अपनी यह कीमत है पहचानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
तेरी कीमत पूछे कोई आज वह नोआखाली से।
कैसा फूल है टूटा अपने गुलशन की डाली से।
तूने सबका सुख-दुख बा!टा सबकी पीडा जानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
जलती आग में कूद के तूने फूटकी आग बुझाई।
अपनी जान ग!वाकर लाखों की जान बचाई।
आखिर सच की जीत हुई और हार झूठ ने मानी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....
अमर रहेगा अमर रहेगा मौत से जो लडता है।
आजादी के नाम पे मरने वाला कब करता है ?
जब तक दुनिया है गजेगी तेरी अमृत वाणी।
धन्य-धन्य हो गांधी बापू.....