Re: ज़िन्दगी ... .
ज़िंदगी तेरा पता चाहिए
मुझको अपनी नज़र ऐ ख़ुदा चाहिए,
कुछ नहीं और इसके सिवा चाहिए,
एक दिन तुझसे मिलने ज़रूर आऊंगा,
ज़िंदगी मुझको तेरा पता चाहिए,
इस ज़माने ने लोगों को समझा दिया,
तुमको आंखें नहीं,आईना चाहिए,
तुमसे मेरी कोई दुश्मनी तो नहीं,
सामने से हटो,रास्ता चाहिए…!!
- बशीर बद्र
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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