09-03-2017, 09:12 AM
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Re: nari tu narayani
[Nari tu hai narayani
नारी तू नारायणी
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जो धर्म और मर्यादा को संचित करे
जो असहाय कष्ट सह कर
देती दुनिया को एक जीव का उपहार है
तू प्यार है ऐतबार है तू इस जगत का आधार है
बिन तेरे जहां है सुना और तन्हा, तू नारी तू नारायणी तू ही जगत आधार है. ]
अद्वितीय उद्गार, जिसमें नारी के पारिवारिक तथा सामाजिक योगदान को रेखांकित किया गया है. आपने सत्य कहा कि अपने विभिन्न अवतारों के माध्यम से नारी ही नारायणी है व इस जगत का आधार है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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