View Single Post
Old 18-11-2011, 01:32 AM   #25
GForce
Member
 
GForce's Avatar
 
Join Date: Nov 2011
Location: Banglore/Moscow
Posts: 118
Rep Power: 15
GForce has a spectacular aura aboutGForce has a spectacular aura aboutGForce has a spectacular aura about
Default Re: उपनिषदों का काव्यानुवाद

यद्वाचाऽनभ्युदितं येन वागभ्युद्यते ।
तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते ॥४॥


सामर्थ्य वाणी में कहाँ जो ब्रह्म विषयक कह सके।
वाणी में जितनी वाणी है, किंचित न किंचित कह सके॥
यह ब्रह्म तत्त्व तो वाणी से, अतिशय अतीत अतीत है।
प्रेरक प्रवर्तक वाणी का, ज्ञाता है ब्रह्म, प्रतीति है॥ [4]
GForce is offline   Reply With Quote