Re: डार्क सेंट की पाठशाला
परेशानी शांति से सुलझाएं
एक व्यक्ति सड़क के किनारे टहल रहा था। चलते-चलते वह एक नौजवान से मिला, जो एक लंबे तार से जूझ रहा था। इस पर उस व्यक्ति ने पूछा, आप को इसमें क्या दिक्कत आ रही है। नौजवान ने कहा की जब भी मैं इसे सीधा करने की कोशिश करने लगता हूं, यह तार और उलझ जाता है। यही हालत हर इन्सान की है। हम इस तरह उलझे हुए है कि चाह कर भी अपनी उलझनों को समाप्त नहीं कर पा रहे हैं । हम एक समस्या का समाधान करते हैं और फिर सोचते हैं कि हमने सारी उलझनें समाप्त कर दी, परन्तु उसी समय दूसरी उलझन आ जाती है और हमारा जीवन इसी में बीत जाता है । फिर हम निराश होकर सोंचते है की कब ऐसा वक्त आएगा जब हम अपनी सारी उलझनों का निपटारा कर सकेंगे और हम शांति से रह सकेंगे। या फिर हम भगवान को कोसने लग जाएंगे कि हमने तो किसी का बुरा किया नहीं परन्तु हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ? परन्तु इन्सान यह भूल जाता है की कभी न कभी उसने भी बुरा किया होता है। इन्सान कभी अपनी गलती नहीं मानता और भगवान पर उंगली उठा देता है। आज समाज में हर इंसान किसी न किसी तनाव से गुजर रहा है। इससे इनका जिस्म और दिमाग दोनों ही बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। तनाव सबसे ज्यादा हमारे दिमाग पर असर करता है और यही कारण है बीमारियों का। आप देख सकते हैं कि आज छोटे से लेकर बड़े तक कोई न कोई बीमारी है। तनाव का कोई एक कारण नहीं है। कई कारण होते है तनाव के परन्तु हम उसे सुलझाने के बजाय उसे नकारते हैं या उससे भागते हैं, जबकि जरूरत है कि हम ऐसा तरीका निकालें जिससे दिमागी तनाव और शरीर पर पड़ने वाले उसके प्रभाव को दूर किया जा सके और ऐसा करने से हम अपना जीवन शांति से बिता सकते हैं। एक यही मात्र रास्ता है तनाव से मुक्ति पाने का। किसी परेशानी को अगर हम ध्यान और शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश करें तो हम अपना जीवन शांतिमय बना सकते हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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