View Single Post
Old 06-02-2013, 10:26 PM   #183
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

नए विचारों से ही होती है खोज

सवाल उठाने की इच्छा ही इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है। इनोवेशन के लिए कुछ बातें बहुत अहम हैं। पहली बात यह है कि इनोवेशन का मतलब विज्ञान और तकनीक से कतई नहीं है। इनोवेशन छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी। हमारे अंदर हम कर सकते हैं और हम करेंगे की भावना होनी चाहिये। दूसरी बात यह है कि हमें गरीबों की समस्याओं को दूर करने के लिए इनोवेशन करने चाहिए न कि अमीरों की। अमीर तो हर हाल में अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं क्योंकि उनके पास पैसा है। हमें पानी, भोजन, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में नए प्रयोग करने चाहिए, ताकि गरीबों को राहत मिल सके। हमें कुछ नया करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिये। नई खोज के लिए बहस और असहमति जरूरी है। जब हम बहस करते हैं और सवाल उठाते हैं तब नई चीजों के रास्ते खुलते हैं। सैम पित्रोदा ने एक बार एक समारोह में इससे जुड़ा एक दिलचस्प वाकया सुनाया। एक बार पित्रौदा ने अपने एक मित्र को अपने घर पर खाने के लिए न्यौता दिया और यह बात उन्होने अपनी डायरी में नोट कर ली ताकि उन्हे याद रहे कि वे मित्र किस दिन उनके घर खाना खाने आएंगे। इस बीच पित्रौदा अपनी डायरी पलटना भूल गए। उन्हें याद ही नहीं रहा कि उन्होने किसी मित्र को घर पर खाने का न्यौता दिया है। तय कार्यक्रम के मुताबिक पित्रौदा के मित्र मेरे घर पहुंच गए। उन्हें देखकर पित्रौदा को याद आया कि उन्हें आमंत्रित किया था। जाहिर है पित्रौदा ने उस दिन उनके खाने का कोई प्रबंध नहीं किया था इसलिए उन्हे काफी परेशानी हुई। तब उन्होने सोचा कि क्यों न एक ऐसी डायरी बनाई जाए जो हमें सही समय पर अलर्ट कर सके। इस तरह से उनके दिमाग में इलेक्ट्रानिक डायरी बनाने का ख्याल आया। एक साधारण विचार ने नई खोज को जन्म दिया। आइडिया कीमती होते हैं। उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर दिमाग में कोई आइडिया आए तो सोचो और तुरंत काम शुरू करो।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote