Re: डार्क सेंट की पाठशाला
शोषण से बचाती है शिक्षा
डॉ. सीमा समर अफगान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह अफगानिस्तान में महिला मामलों की मंत्री भी रह चुकी हैं। डॉ. सीमा लंबे समय से महिलाओं और बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए काम कर रही हैं। एक बार उन्होने एक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए महिला अधिकारों की रक्षा की वकालत की और कहा कि उनकी शुरुआती शिक्षा अफगानिस्तान के हेलमंड प्रांत में हुई। उनके स्कूल में लड़के-लड़कियां साथ पढ़ते थे। आज यह प्रांत हिंसा व जुर्म की चपेट में है। आज यहां बच्चियों को पढ़ाना बेहद कठिन है। उन पर हर समय धमकी का खतरा मंडराता है। उन्होने 1982 में काबुल यूनिवर्सिटी से मेडिकल की डिग्री हासिल की। लेकिन उन दिनों देश के हालात अच्छे नहीं थे। इसलिए उन्हे दीक्षांत समारोह में डिग्री हासिल करने का मौका नहीं मिला। वह तालिबान हिंसा व खौफ का दौर था। अफगानिस्तान में स्कूल तोड़ दिए गए व बच्चियों को स्कूल जाने से रोका गया। उन्होने देश में महिलाओं पर घोर अत्याचार देखे हैं। उन्हे याद है किस तरह हिंसा व खौफ की वजह से उनको अपना देश छोड़ना पड़ा था। वे अपने बेटे को लेकर पाकिस्तान चली गई थी। वहां शरणार्थी शिविरों में महिलाओं को बुरे हालात में देखा। महिला शरणार्थियों की हालत देखकर उन्होने शरणार्थियों के लिए अस्पताल बनाने का फैसला किया। पहले स्वास्थ्य शिविर में तीन सौ महिलाएं आईं। उन्हें इलाज की जरूरत थी। उनके बीच काम करके उन्होने महसूस किया कि महिलाओं को शोषण व अत्याचार से बचाने के लिए उन्हें शिक्षित करना जरूरी है। उन्हे लगता है कि अफगानिस्तान में हिंसा का दौर इतने लंबे समय तक इसलिए चला क्योंकि वहां महिलाओं को शिक्षा से महरूम रखा गया। याने कहा जा सकता है कि अगर महिलाएं शिक्षित हैं तो वे समाज व देश के हालात बदल सकती हैं। इससे जुड़े कई देशों के उदाहरण हमारे सामने भी हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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