Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
कुत्तों की ज्ञानेन्द्रियों को, जिनमे सूंघने की शक्ति सबसे ऊपर है, दी जाने वाली सूचना एक उद्दीपक का काम करती है. इस उद्दीपक की प्रतिक्रिया स्वरुप किया जाने वाला कार्य या प्रयत्न response कहलाता है. सही response की स्मृति को मजबूत करने के लिए पुरस्कार या प्रोत्साहन दिया जाता है- जैसे कि मानव सहकर्मी (handler) द्वारा कुत्ते की गर्दन अथवा पीठ को थपथपाना या उसका मन पसंद खाना देना. कुछ ही दिनों में यह क्रिया (उद्दीपक के प्रति response) अपने आप होने लगती है.
योगी को ट्रेनिंग के पहले दिन मेरिजुआना की गहरी गंध वाली वस्तुओं से परिचित करवाया गया. जब वह इस गंध को पहचानने लग पड़ा तो दोउगे उसको प्यार से थपथपाता. धीरे धीरे खोज की जाने वाली वस्तुओं को दुर्गम स्थानों पर रख कर योगी को उसे ढूंढने के लिये उकसाया जाता या वस्तुओं की बहुत थोड़ी मात्रा का पता लगाने को कहा जाता. निरंतर अभ्यास से योगी अपने काम को काफी हद तक समझने लग गया.
योगी का पहला अभियान
समय आ गया था कि दोउगे और योगी एक टीम के रूप में अपना कार्य शुरू करें. पुलिस जांच से मालूम हुआ था कि लंदन के सोहो इलाके (जो अपनी पोर्नो-शॉप्स, केबरे-डांस, वैश्यावृत्ति के अड्डों और घटिया जूआ घरों के लिये कुख्यात था) में स्थित एक निम्न दर्जे की बार (शराबखाने) को नशीले पदार्थों के विक्रय तथा वितरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था किन्तु पुलिस को कोई सबूत नहीं मिल सका था. छापे के लिए पहले से नियत तारीख को रात के समय योगी और शेअर्न पुलिस वेन से बाहर कूदे और शराबखाने के एक अँधेरे से कमरे में दाखिल हुये. कमरे में तेज गंध वाली अगरबत्तियां जलाई गई थीं. योगी को ट्रेनिंग के दौरान इस प्रकार की ध्यान बटाने वाली चीजों से बचना सिखाया गया था. वह कमरे में इधर से उधर जा कर सूंघने लगा. फर्नीचर व कुर्सियों को उखाड़ने-पछाड़ने लगा. अचानक वह बिजली के एक सॉकेट के पास आ कर रुक कर जोर से कुछ सूंघने लगा. गीले सॉकेट से उसे बिजली का झटका लगा और दरवाजे की ओर लपका. शेअर्न ने उसे शांत कराया और थोड़ा घुमाने के लिए बाहर ले गया. वापिस आ कर योगी ने अपनी अकलमंदी साबित करते हुये नशीली दवाओं की एक खेप को खोज निकाला.
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