Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
अजब अपना हाल होता जो विसाल – इ – यार होता
कभी जान सद के होती कभी दिल निसार होता
न मज़ा है दुश्मनी में , न है लुत्फ़ दोस्ती में
कोई गैर गैर होता , कोई यार यार होता
ये मज़ा था दिल्लगी का , के बराबर आग लगती
न तुम्हें करार होता , न हमें करार होता
तेरे वादे पे ऐ सितमगर , अभी और सब्र करते
अगर अपनी ज़िन्दगी का हमें ऐतबार होता
एक नज़र है तू दीदार के लिए
एक लम्हा है इंतज़ार के लिए
एक ख्वाब है तू जिसे मेरी आखें देखे
एक तस्वीर है तू बस प्यार के लिए
खूबसूरत हो तुम
बड़ी नाज़ुक हो तुम
शायद बड़ी नज़ाक़त से बनाया होगा रब ने तुम्हे
खूब्शुरती की इन्तहा हो तुम
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