08-01-2015, 05:12 PM
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#14
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Re: प्रेम ... समय
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Originally Posted by kuki
पवित्रा ने बहुत ही बढ़िया तरीके से अपनी बात को यहाँ रखा है। मैं पवित्रा से पूरी तरह से सहमत हूँ कि अगर प्यार सच्चा है तो वो वक्त के साथ और गहरा होता जाता है। प्यार में कोई शर्त नहीं होती अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो वो इंसान चाहे आपके पास हो या आपसे बहुत दूर हो ,आपका प्यार कभी कम नहीं होता। अगर हम किसी से प्यार करते हैं लेकिन सामने वाला हमसे प्यार नहीं करता तो भी हमारा प्यार उसके लिए कम नहीं होना चाहिए क्योंकि प्यार में कोई सौदा नहीं होता। अगर हम प्यार के बदले प्यार पाना चाहते हैं और न मिलने पर हमें गुस्सा या निराशा होती है तो वो हमारा स्वार्थ होता है प्यार नहीं। हमारे लिए महत्व इस बात का होना चाहिए की हमारे दिल में किसी के लिए प्यार है। स्वामी विवेकानंदजी ने कहा है की प्यार करके उसे न पाना दुखद नहीं है बल्कि किसी से भी प्यार न करना दुखद है। हो सकता है मैं विषय से भटक रही होऊ लेकिन मैं यहाँ कहना चाहूंगी ,मैंने आज खबर पढ़ी की एक लड़के ने लड़की के न कहने पर उसके ऊपर तेज़ाब डाल दिया ,ऐसी ख़बरें आये दिन सुनने को मिलती हैं मुझे समझ नहीं आता ये कौन सा प्यार है ?
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ये प्यार है ही नहीं , ये Obsession है। और Obsession आकर्षण की वजह से होता है , प्यार की वजह से नहीं। अब देखिये क्या कोई माँ अपने बच्चे के साथ ऐसा क्रूर व्यवहार कर सकती है ? कभी नहीं। क्यूंकि वहां प्रेम है। प्यार में हम किसी को भी नुक्सान नहीं पहुंचा सकते। और जो लोग ऐसी क्रूर हरकत करते हैं वो वास्तव में मनोरोगी हैं।
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