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Old 08-12-2010, 03:51 AM   #46
madhavi
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madhavi will become famous soon enough
Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

हाफ़िज़ सईद की गतिविधियों को लेकर बड़े सवाल उठाए जाते रहे हैंविकीलीक्स पर जारी दस्तावेज़ों के अनुसार मुंबई में नवंबर, 2008 को हुए चरमपंथी हमलों से पहले कर पाकिस्तान के कहने पर चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध को रोके रखा.

जमात-उद-दावा चरमपंथी संगठन लश्करे तैबा का प्रतिनिधि संगठन है. और लश्करे तैबा वह संगठन है जिस पर मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों का आरोप है.यह जानकारी अमरीकी राजनयिक संदेशों से प्राप्त हुई है. इस संदेश को अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मंज़ूरी दी है.दस अगस्त, 2010 को जारी संदेश के अनुसार जमात-उद-दावा की गतिविधियाँ जारी थीं और यह इन गतिविधियों को चलाने के लिए धन भी एकत्रित कर रहा था. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने संगठन की संपत्ति ज़ब्त करने के लिए क्या क़दम उठाए.

इन गोपनीय संदेशों को पाकिस्तान में अमरीकी दूतावास और संयुक्त राष्ट्र स्थित अमरीकी दूतावास को भेजा गया था.समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस संदेश में लिखा है, "मुंबई हमलों से पहले जमात-उद-दावा और इसके प्रमुख हाफ़िज़ सईद पर प्रतिबंध लगाने के हमारे अनुरोधों पर पाकिस्तान के कहने पर चीन रोक लगाता रहा."यूं तो सुरक्षा परिषद 15 सदस्यों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति है लेकिन चूंकि चीन इस परिषद का स्थाई सदस्य है और उसे 'वीटो पॉवर' हासिल है, उसकी मंज़ूरी के बिना सुरक्षा परिषद कोई फ़ैसला नहीं ले सकता.

अमरीकी विदेश मंत्रालय की ओर से भेजे गए इस संदेश में पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र दोनों जगह अमरीकी राजनयिकों को निर्देश दिए गए थे कि वे पाकिस्तान से जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएँ.इसी संदेश में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों को सूचित कर दिया जाए कि संयुक्त राष्ट्र के अल-क़ायदा, तालिबान सूची से जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद का नाम हटाए जाने के प्रस्ताव का अमरीका विरोध करेगा.

हिलेरी क्लिंटन ने अपने संदेश में शीर्ष अमरीकी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद पर से प्रतिबंध हटाए जाने के प्रस्ताव को वीटो कर दें.जमात-उद-दावा और सईद की ओर से प्रतिबंध हटाने का आवेदन पेश करने वाले वकीलों ने तर्क दिया था कि इन दोनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई आधार नहीं है.

लेकिन हिलेरी क्लिंटन ने अपने संदेश में कहा था, "अमरीकी प्रशासन को उपलब्ध जानकारियों के आधार पर हम जानते हैं कि लश्करे तैबा और जमात-उद-दावा के लिए कई वरिष्ठ नेता काम करते हैं, जिसमें हाफ़िज़ सईद शामिल हैं वे लश्करे तैबा को नियंत्रित करते हैं और उनके सदस्यों को दिशा निर्देश देते हैं."

इस अमरीकी संदेश के अनुसार लश्करे तैबा और जमात-उद-दावा दोनों एक ही संगठन का हिस्सा हैं जिसका नाम 'मरकज़-उद-दावावाल-इरशाद' बताया गया है.अमरीका विकीलीक्स पर दस्तावेज़ जारी करने को एक आपराधिक कार्य बताता रहा है और इससे बेहद नाराज़ है.जमात-उद-दावा और लश्करे तैबा पर जारी इन दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता पर अमरीकी प्रशासन ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
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