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Originally Posted by gulluu
भाई खालिद ,आजकल तो लोग खुद पैसे देते हैं ,हमारे यहाँ तो लोगों का कहना है की काम होना चाहिए चाहे खुद अफसर या मंत्री कितने भी पैसे खाए ,लेकिन जनता का काम तो करे, आखिर पैसे तो सबने ही खाने हैं.आखिर किसी को तो नौकरी मिली है ,किसी को भी ना मिलने से तो अच्छा है .
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अच्छा तो हैँ गुल्लु भाई
लेकिन पढाने को तो आना चाहिए
अगर आप देखे तो सभी का सर फोड देगेँ
आपको पता हैँ बिहार मेँ बच्चे का पढाई की सुरुआत कौन सी क्लास से सुरु होता हैँ छः क्लास के बाद
हा हा हा