View Single Post
Old 03-08-2016, 10:54 PM   #51
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें

शैतान
ख़लील जिब्रान
साभार:
डॉ. प्रभात टंडन




कपोल कल्पित शैतान और कपोल कल्पित ईशवर मे बहुत गहरी समानता है । इस संदर्भ मे मुझे खलील जिब्रान की कहानी शैतान याद आ गयी जिसे मैने कई साल पहले अपने ब्लाग मे डाला था ।
शैतान कहानी का सार बहुत ही सार्गर्भित और ईशवर और शैतान की परिकल्पना पर रोशनी डालने वाला है । यह कहानी उत्तरी लेबनान के एक पुरोहित पिता इस्मान की है जो गाँव-२ मे घूमते हुये जनसाधारण को धार्मिक उपदेश देने का काम करते थे । एक दिन जब वह चर्च की तरफ़ जा रहे थे तो उन्हें जंगल मे खाई में एक आदमी पडा हुआ दिखा जिसके घावों से खून रिस रहा था । उसकी चीत्कार की आवाज को सुनकर जब पास जा कर पिता इस्मान ने गौर से देखा तो उसकी शक्ल जानी -पहचानी सी मालूम हुयी । इस्मान ने उस आदमी से कहा , ’ लगता है कि मैने कहीं तुमको देखा है ? ’
और उस मरणासन आदमी ने कहा ,
जरुर देखा होगा । मै शैतान हूँ और पादरियों से मेरा पुराना नाता है ।
तब इस्मान को ख्याल आया कि वह तो शैतान है और चर्च मे उसकी तस्वीर लटकी हुई है । उसने अपने हाथ अलग कर लिये और कहा कि वह मर ही जाये ।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote