Re: क्या है जन लोकपाल बिल !
उधर हजारे , इधर हजारोँ
बैठ चुके हैँ अनशन पर
बज गया बिगुल अनोखा यारोँ
सत्ता के गलियारोँ मेँ ।।
ये देश हमारा , हम सबका
जागीर नहीँ लुटेरोँ की
जो लूट रहे हैँ मिलजुल कर
बिगड़े चाहे तक़दीर देश की ।।
उठो सपूतोँ अब हुआ सवेरा
कूच करो मैदानोँ मेँ
अलख जगी है प्यारे अब तो
टूट पड़ो मैदानोँ मेँ ।।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो ।
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