Re: स्टीव ज़ोब्स की तीन कहानियाँ
जिसने सूचना क्रांति को पूरी दुनिया में एक आयाम दिया, जिसके हर उत्पाद ने विश्व में धूम मचा दी, जिसके हर उत्पाद का गैजेट प्रेमियों को इंतजार रहता है, वह आज खुद अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा है। वह शख्स, छह अरब डॉलर का मालिक है और आज भी उसका मूल मंत्र है - "स्टे हंगरी, स्टे फूलिश"। उसका नाम है - स्टीव जोन्स। एप्पल के संस्थापक सीईओ स्टीव जोन्स को कैंसर की बीमारी है। यह बीमारी लाइलाज है। डाक्टरों की मानें, तो स्टीव जोन्स के पास केवल छह हफ्ते का समय है। आइफोन बनानेवाली अमेरिकी कंपनी एप्पल के संस्थापक की जिंदगी खतरे में है। अगर किसी शख्स को यह पता चल जाये कि वह कुछ ही दिनों का मेहमान है, तो इसी डर से ही सारा काम छोड़ देगा। लेकिन ऐसा लगता है कि 55 वर्षीय स्टीव जोन्स इससे बिल्कुल भी विचलित नहीं है।
मीडिया में ऐसी खबरे आयी है कि एप्पल के सीईओ को डॉक्टर ने कह दिया है कि वह छह हफ्ते का मेहमान है। लेकिन हाल ही में उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा कि उद्योगपतियों के साथ बैठक में देखा गया। तस्वीरों से ऐसा लग रहा था कि वह स्वस्थ नहीं है। लेकिन चेहरे के हावभाव से जाहिर हो रहा था कि उनपर मौत का डर हावी नहीं है और वह जिंदगी के बचे हुए वक़्त में भी कुछ करना चाहते है।
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