Re: महाभारत के पात्र: श्री कृष्ण
महाभारत के पात्र: श्री कृष्ण
श्री कृष्ण जन्म ( आठवां पुत्र )
अबकंस ने एक – एक करके देवकी और वासुदेव के सातों पुत्रो को मार दिया | अबआठवे पुत्र होने ही वाला था की कंस ने कड़ा पहरा लगवा दिया | भाद्रपद माह कीकृष्ण अष्टमी को मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र मे जिस समय श्री कृष्णपैदा हुए | दूसरी और ठीक उसी समय गोकुल में नन्द और यशोदा के भी एक पुत्रीपैदा हुयी थी |उस समय बहुत तेज वर्षा हो रही थी |चारों तरफ काला अन्धकारछाया हुआ था | बिजली कड़क रही थी | और यमुना भी अपने उफान पर थी | उशी समयवासुदेव के हाथों की बेड़ियाँ खुल जाती है और काराग्रह के सभी सिपाही घोरनिंद्रा में चले जाते है | और काराग्रह के दुवार भी स्वयं खुल जाते है | तभी तेज प्रकाश होता है और वासुदेव को भगवान् विष्णु दर्शन देकर कहते हैकी हे वासुदेव | मै ही तुम्हारा पुत्र बनकर देवकी की गर्भ से जनम ले रहाहू| तुम इस समय काराग्रह से बालक को ले जाओ और अपने मित्र नन्द जी के घरछोड़ दो और वहां जो कन्या पैदा हुयी है | उसे यहाँ काराग्रह में लेकर आओ |
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 08-07-2018 at 08:38 PM.
|