Re: गुनगुनाओ, खुल कर गाओ, लेकिन सही गाओ
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है / बूट पॉलिश
रचना : शैलेन्द्र
संगीत : शंकर जयकिशन
गायन : आशा भोसले, मोहम्मद रफ़ी
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है
भोली भाली मतवाली आंखों में क्या है
आंखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आंखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ..
हमसे न छुपाओ बच्चो हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ
आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज हो
न भूखों की भीड़ होगी
न दुखों का राज हो
बदलेगा ज़माना यह सितारों पे लिखा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ...
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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