View Single Post
Old 23-02-2012, 10:51 PM   #27
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

गाम में बेजती

एक बै सुंडू नै कोई गलत काम कर दिया । पंचायत उसका मुह काला कर कै गधे पै बिठा कै गाम मैं घुमावण लाग-गी ।
राह मैं सुंडू का घर आया । उसकी बहू उसनै भीत के ऊपर तैं देखण लाग रही थी ।

सुंडू बोल्या - "भागवान न्यूं के देखै सै ? जा-कै चाय चढ़ा ले चूल्हे पै - दो-तीन गळी रह रही सैं, मैं चक्कर मार-कै ईब आया !!"


सास-बहू की तकरार

दोपहर का टाइम । सास अपने साल-भर के पोते को गोद में खिला रही थी । छोरा रोवण लाग्या, बंद ना हुया । बहू (छोरे की मां) ऊपर बैठी चौबारे में - अपने मीयां के साथ ।
सास ने आवाज लगाई, बहू नीचे उतर कर आई । सास बोल्ली - "कितनी हाण होगी, तन्नै सुणता कोनी छोरा रो-रो कै बावळा हो रहया ? तेरै धोरै एक-ए तै छोरा सै, यो भी ना पाळा जाता ?"

बहू बोल्ली - "मेरे तैं तै एक-ए पळैगा - चाहे आपणे नै पळवा ले, चाहे मेरे नै !!"
एक बहु आपणे पीहर चली गयी अर अपणे पांच साल के छोरे नै वो सास्सू धोरै छोड़ गी!
बहु नै गई नै 15 दिन हुए थे के उसकी सास्सू की चिट्ठी आ-गी | सास्सू नै लिख राख्या था, "बहु तावळी आ-ज्या, छोरे का जी कोन्या लाग रह्या" ।
बहु नै उल्टी चिट्ठी लिक्खी, "माँ, तन्नै नू कोन्या लिख्या अक मेरे छोरे का जी कोन्या लाग रह्या अक तेरे का ?"


बूढ़े अर गाभरू की तकरार

आजकल जमाना खोटा आ रहया सै, बाळक भी बूढ़े ठेरां की बात ना मानते ।
एक बै के होया....अक एक बूढ़े नै एक गाभरू छोरे तैं कहया - जा रै छोरे, चिलम में आग धर ल्या ।
न्यूँ सुण कै छोरे के गात में आग लाग गी अक बूढ़े नै तेरे तैं या बात क्यूं कही । वो बूढ़े के डोग्गे तैं भी डरै था.... तै डरता डरता बोल्या - "दादा, मैं तै होक्का पीया ए ना करता, मैं आग कोनी धरूँ" ।
ईब बूढ़ा भी पुराणा खिलाड़ी था, फट दे नै बोल्या - रै ऊत के साळे, डांगरां खातिर सान्नी काट्या करै, वा के तू खाया करै सै ?
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote