Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
ई स्साला कुछ तो है इतनी बड़ी पहुँची हस्ती थोड़े ही है, कि भाईलोग आँख खुलते ही जंभुआते हुए मेरा हलचल टटोलने लगेंगे । उनको संडास जाने, मंजन कुल्ला करने की मोहलत तो दो, तुम तब तक चटपट एचटिमिया लो, दुकान का शो चौंचक होना चाहिये ताकि भौंचक कमेन्ट बटोरो । शुरु हो जाओ
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