Re: Asar
जो भोजन हम सभी लोग करते हैं उसका हमारी सोच पर और हमारे व्यवहार पर कितना और कैसा प्रभाव पड़ता है, इस बारे में हम अधिक गहराई तक जाने की कोशिश नहीं करते. आपने पूरे विषय पर विहंगम दृष्टि डालते हुये हर नज़रिए से इस पर अपने तर्कपूर्ण विचार प्रस्तुत किये हैं. पूरे आलेख को पढ़ने के बाद हम इसी निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि हमारे भाव यदि सकारात्मक होंगे तो जो भोजन हम खाते या खिलाते हैं तो उसका असर भी सकारात्मक व सात्विक होता है और मानवीय प्रवृत्तियों को विकसित करता है. इस सुंदर लेख के लिये हार्दिक धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 14-06-2016 at 10:31 PM.
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