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Originally Posted by deep_
बहूत ही उमदा सोच।
सभी महिलाओं को वुमन्स डे की शुभकामनाएं। एसा नहीं है की पुरुष हंमेशा ही स्त्री के अस्तित्व को अनदेखा करता है या छोटा समजता है। मै सभी पुरुषों को याद दिलाना चाहूंगा की हमें जन्म देनेवाली भी एक स्त्री ही है। जिसने ईस जगत की रचना की है वो जगतजननी भी स्त्री रुप में ही है। पुरुषों की कल्पना में जो भी है....दौलत (लक्ष्मी), शोहरत (रिध्धी), नामना (सिध्धी) वह सब भी स्त्री जाति ही है।
मैं ही सर्वशक्तिशाली हुं यह पुरुषों का वहम मात्र है। पुरे दिन की लडाई लडने के बाद जब पुरुष घर आता है तो मां की सांत्वना, पत्नी प्यार या बहेन का साथ ही उसे दुसरे दिन की लडाई के लिए तैयार करता है। वही उसकी असली ताकत है। ताकत भी नारीजाति का शब्द है!
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बहुत बहुत धन्यवाद दीप जी ,.. आपके विचार महिलाओं के लिए इतने ऊँचे है ये जानकर अच्छा लगा , नारी सम्मान के समर्थक है आप ये बहुत अछि बात है ... आपने सही लिखा है जब दिनभर की लड़ाई के बाद जब पुरुष घर पर आते हैं तब माँ. पत्नी और बहन के स्नेह से उन्हें अगले दिन की लड़ाई के लिए शक्ति मिलती है नारी शक्ति स्वरुप है तब ही वो सब सहते हुए हजारो कार्य एकसाथ करके भी सबका ख्याल रख सकती है .