Re: **गृहलक्ष्मी **
उपरोक्त प्रश्नों को उठाने के साथ साथ आपने अपनी ओर से कुछ व्यवहारिक सुझाव भी दिए हैं, जिन पर संवेदनशीलता से विचार व मनन करने की आवश्यकता है. नारी को उसके घर में या समाज में यदि उचित सम्मान (संविधान में स्त्री और पुरूष को समान दर्जा दिया गया है) नहीं प्राप्त होता तो उसकी स्थिति किसी गुलाम से बेहतर नहीं कही जा सकती जिसकी अपनी कोई आवाज़ या अपनी कोई हैसियत नहीं होती. आइये इस अवसर पर हम अपने भीतर झाँक कर नारी के प्रति अपने दृष्टिकोण की समीक्षा करें और यदि उसमें किसी बदलाव की ज़रूरत है तो बदलाव लाने की ईमानदार कोशिश करें ताकि नारी को एक देवी की नहीं तो कम से कम नारी (या इंसान) की गरिमा तो प्राप्त हो
इन शब्दों को पढ़कर एइसा लगा मानो मेरा लिखना सफल हुआ रजनीश जी ,क्यूंकि मेरी बात आपके जहन तक गई और आपने सभी पुरुषों का ध्यान महिलाओं के सम्मान की ओर आकर्षित किया है और महिलाओं के लिए लोगो के मन में आदर की भावना को कायम किया है और उनके लिए कुछ अच्छा सोचने और अच्छा करने का सुझाव दिया है जो की बहुत प्रसंशनीय है .
आपने अपना अमूल्य समय देकर इस ब्लॉग को पढ़ा और उसपर इतने अछे विचार प्रकट किये मै आपकी बहुत आभारी हूँ ....बहुत बहुत धन्यवाद आपके अमूल्य कॉमेंट्स के लिए ..
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