Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग
मशहूर उर्दू शायर मज़ाज के जीवन से जुड़े कुछ विनोद प्रसंग
जोश, फिराक़ और मज़ाज तीनों साथ में बैठ कर पीते थे. जोश ने तीसरे पेग के बाद अपने विशेष अफ़गानी अंदाज़ में कहा, “माशाअल्लाह, हम अभी तक जवान हैं. हमारी उम्र पच्चीस टीस के आस पास होगी, क्यों फिराक़?”
“बेशक!” फिराक़ ने पुरजोर ताईद करते हुए कहा, “ज़ाहिरी शकल से कता-ए-नज़र, मैं भी अट्ठरह-बीस से ज्यादा उम्र का नहीं हूँ.”
“जी हाँ, जी हाँ!” जोश ने फिराक़ के चेहरे को देखते हुए कहा.
मज़ाज बड़े गौर से उन दोनों की बातचीत सुन रहे थे. बड़ी मासूमियत से जोश और फिराक़ की ओर मुखातिब हो कर बोले, “और इस हिसाब से तो मैं अभी पैदा ही नहीं हुआ.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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