View Single Post
Old 09-09-2014, 04:23 PM   #395
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: छींटे और बौछार

कभी जब आँख उठती थी, गगन से फूल झरते थे
कभी जब आँख झुकती थी, दिलों में शूल उठते थे
समय का चक्र घूमा 'जय' कि वह मझधार में डूबा
कभी जिसको सरलता से, हजारों कूल मिलते थे ||
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote