Re: आम: फलों का राजा
गर्मियां आ जाने पर अपने साथ सौगात लाती है मौसमी तरबूज , खरबूज , खीरा , ककड़ी , बेल फल , लीची . लेकिन सबसे ज़्यादा संतुष्टि और स्वाद देने वाला फल है फलों का राजा आम . ऐसा कोई बिरला ही मिलेगा जिसे आम पसंद ना हो . आम आते ही घरमें आम के अलावा कोई फल नहीं भाता . सभी आम खाना चाहते है क्योंकि १-२ महीने में ही आम चला जाएगा . आम अनन्य विशेषता एवं दैवी स्वभाव के कारण से देवफल माना जाता है । भारतीय जनस्थल आमराई के बिना सूने ही लगेंगे । आम हमारे लिए और प्राकृतिक पर्यावरण के लिए उपयोगी एवं कल्याणकारी है । हमारे यहां आम को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है तथा धार्मिक अनुष्ठानों तथा मांगलिक अवसरों पर इसके पत्तों और शुष्क टहनियों का उपयोग होता है पत्तियों के तोरण बनाये जाते हैं तथा टहनियों का प्रयोग यज्ञों में किया जाता है | भारत फलों के बादशाह आम का घर है। विश्व में आम की उपज का 60 प्रतिशत से अधिक यहां पैदा होता है। भारत में ताजे फलों के निर्यात में 20 प्रतिशत हिस्सा आम का है। भारत से लगभग 50 से भी अधिक देशों को आम निर्यात किया जाता है। आम के फल के अलावा आम रस, आम का जैम, आम के पापड़ आदि विदेशों में भेजे जाते हैं।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद खोज बताती है कि भारत में आम की एक हजार से भी अधिक किस्में प्रचलित हैं किन्तु उत्तम गुणों और अच्छी पैदवार की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों में अनेक किस्में प्रचलित हैं, उन्हीं के अनुसार इसके असंख्य नाम हैं। आमों की किस्मों का नामकरण उसके रूप, रंग, स्वाद व गंध आदि के आधार पर किया जाता है.
अलग अलग स्थान के आम
उत्तरी भारत : लंगड़ा, चौसा, दशहरी, बाम्बे, ग्रीन फजली ,केसर , तोतापरी , नीलम
पूर्वी भारत : हिम सागर, लंगड़ा, गुलाब, खास फजली
पश्चिम भारत : अलकास्ते, पैरी, राजापुरी, जमादार, गोवा
दक्षिणी भारत : नीलम, बंगलोरी, रोमानी, स्वर्ण रेखा, बेगमपल्ली, बादाम-रसपुरी, मलगोवा , हापूस ,रत्नागिरी. पायरी इत्यादि।
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