Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
और साथ ही रीना की ओर ईशार करता हुआ मैंने समझाया कि इसे सब कुछ बता दिया। उस समय तक टीवी का असर कुछ कुछ होने लगा था और मेरे द्वारा ईशारा किये जाने पर रीना ने एक फलांइंग किस मेरी ओर फेंक दिया। रधिया गुस्से से आग बबुला हो कर वहां से चली गई। मैं डर सा गया कहीं यह कुछ उलटा पुलटा न कर दे और मैं एहतियातन उसके प्रेम पत्र को उसके जीजा को दिखा दिया। जिसके जबाब में वे भी यही बोले कि यह लड़की नहीं सुधरेगी।
खैर रधिया के प्रेम को जिस तिरस्कार का सामना करना पड़ा वह इससे विचलित हो गई थी और इसकी सजा के रूप में यह बात सामने आई कि उसने रीना के सहेलियों तक यह बात फैला दी कि रीनमां और बबलुआ एक दूसरा से प्रेम करतें हैं। बात जंगल के आग की तरह फैल तो गई थी पर यह अभी एक उर्म तक के लोगों तक ही सीमित थी। यह जानकारी भी मुझे रीना ने ही दी। अभी तब गांव में प्रेम का पलना संभव नहीं हो सका था। गांव क्या, ईलाके में किसी ने प्रेम विवाह नहीं की थी और यह सब सिनेमाई बातें मानी जाती थी। हां, एक बात थी कि प्रेम को फंसने का एक विकृत नाम दे दिया गया था। पर अपने प्रेम के महिनों हो गए पर किसी ने आज तक नहीं जाना पर रधिया ने यह राज फाश कर दिया। हलांकि गांव में जिसने भी जाना उसे विश्वास नहीं हुआ। होता भी कैसे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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