Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
सन् १७७० में उसने टेहला व राजपुर आदि में अनेक दुर्गों का निर्माण करवाया। सन् १७७१ में राजगढ़ का किला सम्पूर्ण करके राजगढ़ बसाया तथा देवती झील में जल महल बनवाकर उसके पास आनन्द बाग लगवाया। सन् १७७२ में मालाखेड़ा में एक दुर्ग का निर्माण करवाया। उक्त सब स्थानों के अतिरिक्त सेन्थल, बैराट, आम्बेला, मामरा, ताला, धोला, प्रयागपुरा, दुब्बी, हरदेवगढ़, सिकराय और बावड़ी खेड़ा स्थानों पर भी अपना अधिकार कर लिया।
प्रताप सिंह की बढ़ती हुई ख्याति दुसरे सरदारों के लिए असहाय थी। बहुत-सी अभिमाना और स्वार्थी प्रकृति के सामन्तों को उसकी उन्नति और उत्कर्ष असहाय हो गया था। प्रताप सिंह अपनी वीरता और कर्त्तव्यपरायणता आदि गुणों के कारण जयपुर
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'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
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