Re: एवरेस्टः यहां मौत पर चलते हुए भी थमते नहीं
एवरेस्ट पर चढ़ना अब उतना मुश्किल नहीं रहा है। तब से कई वहां होकर आ चुके हैं। शिखर से कुछ नीचे हिलरी जो रास्ता बना गए थे (हिलरी स्टेप), वह काफी ‘पुख्ता’ हो चुका है! इस साल ही 11 मई से सीजन शुरू होने से अब तक 400 से ज्यादा पर्वतारोही और शेरपा एवरेस्ट पर पहुंच चुके हैं। स्थिति अब बहुत कुछ चोमो लुंगमा को रौंदने जैसी हो चली है।
लेकिन फिर भी मौसम और मौत वहां शाश्वत है ही। एवरेस्ट पर हर साल होने वाली मौतें यह चेतावनी देती ही रहती हैं। इसी महीने पश्चिम बंगाल के सुभाष पॉल, परेश नाथ समेत 5 लोग एवरेस्ट पर जान गंवा बैठे। पॉल और नाथ के साथी गौतम घोष लापता हैं। उनके बचे होने की उम्मीद ना के ही बराबर है। पॉल की लाश तो 7500 मीटर (चोटी से 1348 मीटर नीचे) पर कैंप तीन और चार के बीच फंसी है। संदेह है कि वह वहां से लाई भी जा सकेगी या नहीं।
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Last edited by soni pushpa; 30-05-2016 at 01:39 PM.
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