02-01-2015, 09:32 AM
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Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
[QUOTE=rajnish manga;545134][QUOTE=rajnish manga;545133] खलील जिब्रान
शैतान
” मै वह साहस हूँ, जो मनुष्य मे दृढ निष्ठा पैदा करता है“
” मै वह स्त्रोत हूँ, जो भावनाओं की अपूर्वता को उकसाता है।“
” मै शैतान हूँ, अजर-अमर! मै शैतान हूँ , जिसके साथ लोग युद्द इसलिये करते हैं कि जीवित रह सकें। यदि वह मुझसे युद्द करना बंद कर दें तो आलस्य उनके मस्तिष्क, ह्र्दय और आत्मा के स्पन्दन को बन्द कर देगा …।”
” मै एक मूक और क्रुद्द तूफ़ान हूँ , जो पुरुष के मस्तिष्क और नारी के ह्र्दय को झकझोर डालता है। मुझसे भयभीत होकर वे मुझे दण्ड दिलाने मन्दिरों एवं धर्म-मठों को भाग जाते हैं अथवा मेरी प्रसन्नता के लिये, बुरे स्थान पर जाकर मेरी इच्छा के सम्मुख आत्म -समर्पण कर देते हैं ।”
” मै शैतान हूँ अजर-अमर ! “
” भय की नींव पर खडे धर्म – मठॊ का मै ही निर्माता हूँ । …..यदि मै न रहूँ तो विशव मे भय और आनन्द का अन्त हो जायेगा और इनके लोप हो जाने से मनुष्य के ह्र्दय मे आशाएं एंव आकाक्षाएं भी न रहेगीं । “
” मै अमर शैतान हूँ ! “
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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