Re: रुपए में गिरावट के छह कारण
धीमा विकास और अधिक महंगाई
साल 2009-10 और 2010-11 में लगभग 9 % विकास के बाद देश 2011-12 में 6.5 % से बढ़ा है.
चालू वित्त वर्ष के अनुमान कुछ खास प्रोत्साहित करने वाले नहीं हैं.
अब इसे मिलाएं खाद्यपदार्थ और ईंधन के उंचे दामों के वजह से अधिक महंगाई दर को.
अगर सरकार अपने राजकोषीय घाटाघाटों पर काबू नहीं पा सकी तो महंगाई दर इस साल बढ़ कर दोहरे आंकड़ों तक पहुंच सकता है.
ऐसी स्थिति में अधिकतर विदेशी और भारतीय अपना पैसा विदेशों में ले जाना चाहते हैं.
अपने देशों में आर्थिक संकट के कारण वैश्विक निवेशक भी भारत जैसे दूसरे देशों में पैसा लगाने से घबरा रहे हैं.
इससे रुपए पर और दबाव पड़ रहा है.
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