(मेरा यह खयालीपुलाव पक चूका था। लेकिन नींद कोसो दुर जा चुकी थी। यह नोवेल मैने पीछले चार-पांच सालों से पढी नहीं है। लेकिन हर एक बात मुझे अब तक स्टेप-बाय-स्टेप याद आ रही थी! तो मैं अपनी याददाश्त चेक करने के लिए आगे याद करता गया...)
राजपाल अपने साबुन के बिझनस में अधिक फायदा कमाने क्वोलिटी में फेरबदल करता है। सत्यप्रकाश के न होते वह अब बेझिझक यह सब कुछ करने लगता है। मेनेजर कौशिक के समजाने पर वह कहता है की कंपनी अपनी गुडवील पर चलती है।
(भरत कपुर को ही मैने राजपाल के रुप में हंमेशा देखा था!)
राजपाल के घर में एक नौकरानी थी जिस पर राजपाल की नियत खराब थी। वैसे राजपाल को लडकीयों की कमी नहीं थी लेकिन कमलेश से शादी करने के चक्कर में वह फंस गया था। एकबार राजपाल ने अपनी नौकरानी को झुठ बोल कर नींद की गोलींया खिला दी थी और अवैध संबंध बांध लिए थे। फिर नौकरानी को शादी की लालच दे कर बार बार फायदा उठाता रहा।