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Originally Posted by rajnish manga
बहुत सुंदर ग़ज़ल. इसका एक एक शे'र भावनाओं की खुबसूरत अभिव्यक्ति से भरपूर है. धन्यवाद, दीप जी.
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Quote:
Originally Posted by Pavitra
तकलीफ
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मांग कर तुम्हें खोया,
यह जान कर रोया...
जता कर जरुरत,
तकलीफ होती है!
(२९.६.१७)
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वाह! बहुत उम्दा अभिव्यक्ति.......
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रजनीशजी और पवित्राजी को ढेर सारा धन्यवाद!