View Single Post
Old 06-01-2014, 12:18 PM   #3
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: मिखाइल कलाशनिकोव और उनकी राइफल

कैसे बनी यह राइफल?
इस राइफल को लेकर अक्सर यह सवाल उठाया जाता है कि आखिर यह बनाई किसने थी? आज इस प्रश्न का उत्तर निस्संदेह यही है कि यह राइफल कलाश्निकोव ने ही बनाई| बेशक अपने इस काम में उन्हें राइफल एवं माइनथ्रोअर अस्त्रों के वैज्ञानिक-अनुसंधान संस्थान के इंजीनियरों और फिर बाद में कोव्रोव आयुध कारखाने के इंजीनियरों का पूरा सहयोग मिला| सभी संशोधनों और परिवर्तनों के बाद 1947 के मॉडल के दूसरे रूपांतर को सेना में स्वीकार किया गया| इसका आधिकारिक नाम था एके कलाश्निकोव ऑटोमेटिक 7.62 मिमी राइफलऔर एके कलाश्निकोव फोल्डिंग बट ऑटोमेटिक 7.62 मिमी राइफल”| संसार भर में प्रचलित इसका नाम एके-47” सोवियत संघ में कभी आधिकारिक रूप से इस्तेमाल नहीं किया गया|

राज़ क्या है?

हथियारों के इतिहास को देखें तो कई ऐसे मिलेंगे जो कमोबेश सफल रहे| इनमें से कुछ को तो बिलकुल बेजोड़ माना जा सकता है| लेकिन एक भी इतना लोकप्रिय नहीं हुआ जितना कलाश्निकोव राइफल| पहले सोवियत संघ की उत्पादन क्षमता और बाद में चीन द्वारा विशाल निर्यात की बदौलत सारे संसार में इसका व्यापक प्रचलन हुआ| लेकिन सारी दुनिया में मान्यता पाने और एक प्रतीकबन जाने के लिए यह काफ़ी नहीं है| इसका मुख्य कारण तो यह है कि इसमें कई गुणों का मेल हुआ है:-

1.इसका डिज़ाइन इतना सरल है कि अल्पविकसित उद्योग वाले देशों में भी इसका उत्पादन संभव हुआ;
2. इससे काम लेना इतना आसान है कि अल्प-अनुभवी सैनिक और आम लोग भी इसे चला सकते हैं;
3. इसका डिज़ाइन इतना विश्वसनीय है कि यदि कोई अनाड़ी इसे चलाते हुए कुछ गलती कर दे तो भी राइफल खराब नहीं होती और यह लंबे समय तक काम देती है|
4. इन गुणों में चार चांद लगा दिए इसकी फायरिंग क्षमता ने! इसकी बदौलत एक अकेला हथियारबंद किसान पैदल सेना की पूरी पलटन का मुकाबला कर सकता था| इससे पहले न तो बंदूक लेकर और न ही किसी तरह की मशीनगन पिस्तौल से वह ऐसा कर सकता था|
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote