15-11-2010, 05:52 PM
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Re: ! आशिकाना शायरी !
सपनो में मेरे चुपके से आया है कोई..
धीमे से एक गीत गुनगुनाया है कोई..
मैंने तो आँखों को अपनी बंद रखा था..
फिर भी मेरे दिल में समाया है कोई..
लब पे मुस्कान है चेहरे पे ख़ुशी छाई है..
बन के खुशबू हर तरफ महकाया है कोई..
अब मुझे होता है जिन्दगी जीने का अहसास..
मेरे जीवन में बन के ख़ुशी छाया है कोई..
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शेर-ऐ-आशिक
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