04-12-2010, 06:45 PM
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#3
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Diligent Member
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Re: हर तस्वीर इक कविता है
भूल वायदे सरकारे जनता के, नींद चैन की सोते हैं
उनसे छीन प्रशासन अपना, कलम की शक्ति दिखलाना है
अब फिर इनके कर्त्तव्यों की, स्मृति हमें दिलाना है,
इनकी काली करतूतों का, पर्दाफाश करना है
विश्व को खुशहाल बनाने, आज क्रांति फिर लाना है
अब हमको संकल्पित होकर, प्रगति शिखर पर चढ़ना है
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