Re: ये कैसा प्यार .........
पिछले महीने हुई थी सगाई
मूलत: हरसूद निवासी डॉ. रोहित नामदेव की यहां कॉलेज में डॉ. जयश्री से कुछ दिन पहले ही पहचान हुई थी। जयश्री यहां करोंद क्षेत्र में अपने माता-पिता के साथ रहती थीं। जयश्री के पिता घनश्यामदास नामदेव पूर्व में यूनियन कार्बाइड के कर्मचारी थे। गैस त्रासदी के बाद वे यहां से नौकरी छोड़कर सारणी चले गए थे।
जहां वे विद्युत मंडल में नौकरी करने लगे। दो साल पहले रिटायरमेंट के कारण वे वापस भोपाल आ गए। पिछले माह पीरगेट के पास एक होटल में आयोजित एक समारोह में दोनों की सगाई हुई थी। दोनों ने सगाई के फोटोग्राफ अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किए थे।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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