Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
मुंबई आतंकी हमले का काला चेहरा ‘कसाब’
बेपरवाह सी कार्गो पैंट, ढीला-ढाला नीला स्वेटशर्ट, पीठ पर बैग और हाथों में असाल्ट राइफल। यही था अजमल आमिर कसाब, मुंबई पर खौफनाक आतंकी हमले का काला चेहरा, जिसने पाकिस्तान में रची गई नापाक साजिश को अमली जामा पहनाने में अहम किरदार निभाया। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर लगे कैमरों ने 26 नवंबर, 2008 की जानलेवा रात में कसाब की जो तस्वीरें खींची हैं, उनमें वह कंधों पर झोला लटकाए ए के 47 असाल्ट राइफल को लापरवाही से इधर-उधर झुलाता दिख रहा है, जो उसके बेरहम कृत्य की गवाही दे रही हैं, जिसकी वजह से उसे फांसी के फंदे पर झूलना पड़ा। कसाब उस समय 21 वर्ष का था। वह देश की वाणिज्यिक राजधानी को 60 घंटे तक बंधक बनाए रखने वाले 10 आतंकवादियों का हिस्सा था, जो 26 नवंबर को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर मुंबई में कहर मचाने आए थे। पाकिस्तान के पंजाब सूबे में ओकारा जिले के फरीदकोट गांव में रहने वाले कसाब ने कानूनी कार्यवाही के दौरान कई बार खुद को देशभक्त पाकिस्तानी बताया। उसे भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का कोई मलाल नहीं था। उसके हवाले से कई बार कहा गया, मैंने ठीक किया, मुझे कोई अफसोस नहीं है। कसाब ने हालांकि सजा में नरमी की गुहार की थी। उसका कहना था कि लश्कर-ए-तैयबा ने उसका बे्रन वाश किया और उसने उसके इशारे पर रोबोट की तरह काम किया।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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