Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
कसाब बेरोजगारी के दिनों में इस आतंकी संगठन के संपर्क में आया और उसे पाकिस्तान के कई सुदूरवर्ती प्रशिक्षण शिविरों में से एक में प्रशिक्षित करने के बाद मुंबई आतंकी हमले के लिए चुना गया। मुंबई पर हमले की सोची-समझी साजिश के तहत कसाब 26 नवंबर, 2008 को अपने नौ अन्य साथियों के साथ पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा। यह समूह जोड़ों में बंट गया और आलीशान होटलों-ताज महल और ओबेराय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, यहूदियों के धार्मिक केन्द्र और दक्षिण मुंबई में लिओपोल्ड कैफे को निशाना बनाया। आतंकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी में 18 विदेशियों सहित कुल 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। ऐसी खबर थी कि पुलिस के हाथों पकड़े जाने पर कसाब ने कहा था कि उसे अंतिम सांस तक मारने का प्रशिक्षण दिया गया है, बाद में वह मेडिकल स्टाफ से यह गुहार लगाते देखा गया कि मैं मरना नहीं चाहता। पुलिस ने अस्पताल में जब कसाब से पूछताछ की तो उसने कहा कि मैं अब जीना नहीं चाहता। उसने जांचकर्ताओं से कहा कि उसे पाकिस्तान में रहने वाले उसके परिवार की हिफाजत के लिए मार दिया जाए, क्योंकि भारतीय पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने पर उसके परिवार को यातना दी जाएगी अथवा मौत के घाट उतार दिया जाएगा। ऐसी खबर है कि कसाब ने पुलिस को बताया था कि उसने और उसके साथी इस्माइल खान ने आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, मुठभेड़ विशेषज्ञ विजय सालस्कर और अतिरिक्त आयुक्त अशोक काम्टे को गोली मारी।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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