Re: Karnataka's tourist attractions
कर्नाटका राज्य > बादामी के गुफा मंदिर
बदामी या बादामी की यात्रा करने वाले पर्यटकों को बलुआ पत्थर से बने गुफा मंदिरों का आकर्षण ही यहाँ खींच कर लाता है। ये मंदिर अपनी सुंदर मूर्तिकला के लिए जाने जाते हैं जिनमें पौराणिक तथा धार्मिक घटनाओं को खूबसूरती से उकेरा गया है।
बेंगलोर से लगभग 500 कि.मी. दूर बदामी, उत्तर कर्नाटक के बागलकोट जिले का एक प्राचीन एतिहासिक स्थल है जिसे पहले वातापी या वातापिपुर कहा जाता था। 540 से 757 ईस्वी तक बादामी चालुक्यों की राजधानी रहा तथा विंध्यपर्वत श्रृंखला पार करके आने वाले प्रथम ऋषि मुनि अगस्त्य जिन्होंने सागर को चुल्लू में भरकर पी लिया था, का स्थान है। विशाल अगस्त्य झील के चारों ओर बसा हुआ बदामी नगर, दो विशाल शिलापर्वतों, जो अगस्त्य झील को घेरे हुए हैं, के मध्य घाटी में बसा हुआ है। इन्हीं में से एक पर्वत महाशिला पर विश्वप्रसिद्ध बादामी गुफाएं हैं जो दक्षिण भारतीय शिल्प कला के सुन्दरतम कलाकृतियों में से एक हैं। पर्वत के शिखर पर बादामी फोर्ट है एवं सामने दूसरे पर्वत पर चालुक्य-फोर्ट। अगत्य झील परिसर में भूतनाथ मंदिर एवं प्राचीन ग्राम-देवता मंदिर के अतिरिक्त अनेक प्राचीन मंदिर श्रृंखलाएं हैं जिनमे विभिन्न पाषण-शिलाओं पर मूर्तियाँ उत्कीर्णित हैं। समस्त पर्वत श्रेणी पर अनेक प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। बादामी से 22 कि.मी. दूर पट्टाडाकल एवं 46 कि.मी. पर ऐहोले है जो विश्व-प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों के स्थल है। बदामी, पट्टाडाकल व ऐहोल विश्व-धरोहर स्थल हैं।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|