Re: गधा माँगे इन्साफ़
श्राप की बात सुनकर भगवान् विष्णु ने घबड़ाकर कहा- ’नारद जी, कृपया ठण्डे दिमाग से सोचिए। पैदल चलने से अच्छा है- आप गधे पर चलिए।'
नारद ने क्रोधपूर्वक कहा- ’भगवन्, क्या सोचूँ ठण्डे दिमाग़ से? गधा अच्छा और शरीफ़ जानवर नहीं है।’
भगवान् विष्णु ने आश्चर्यपूर्वक कहा- ’क्या कहते हैं आप, नारद मुनि? गधे से अच्छा और शरीफ़ जानवर कोई नहीं। बेचारे गधे के पास तो सींग तक नहीं!’
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