मनोरंजक लोककथायें
मनोरंजक लोककथायें
लोककथायें जन-जीवन में प्रचलित वे कथायें या कहानियाँ हैं जो मनुष्य की कथा सुनने-सुनाने की प्रवृत्ति के चलते अस्तित्व में आयीं और कालान्तर में विभिन्न परिवर्तनों को अपनाते हुये अपने वर्तमान स्वरूप में प्राप्त होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित कथानक क्षेत्र विशेष की संस्कृति, रूढ़ियों और शैलियों में ढल कर लोककथाओं के रूप में प्रवृत्तियों और चरित्रों से माध्यम से विकसित होती हैं। एक ही कथा विभिन्न संदर्भों और अंचलों में बदलकर अनेक रूप ग्रहण कर लेती है। लोकगीतों की भाँति लोककथाएँ भी हमें मानव की परंपरागत विरासत के रूप में प्राप्त होती हैं। दादी-नानी के पास बैठकर बचपन में जो कहानियाँ सुनी जाती है या लोक जीवन में जो कथाएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आती हैं उनका निर्माण कब, कहाँ कैसे और किसके द्वारा हुआ, यह बताना असंभव है।
इस सूत्र में हम आपको देश विदेश दोनों जगह की लोक कथाओं से परिचित करायेंगे. आशा है यह कहानियाँ आपको भरपूर मनोरंजन प्रदान करेंगी तथा सम्बंधित स्थानों की संस्कृति से भी परिचित कराएंगी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 06-03-2014 at 04:49 PM.
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