Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
अमेरिका के हैवीवेट बौक्सिंग चैम्पियन जौय फ्रेजर ने अपनी सफलता का एक मात्र कारण शुभ संभावनाओं से भरा पूरा चिंतन और ईश्वर विश्वास को बताया है। फ्रैजर को अपने जीवन काल में धार्मिक पुस्तकें पढ़ने और देवालयों में जाकर देवाराधना करने में गहन अभिरुचि थी। बचपन से ही बौक्सर बनने की मान्यता उसके अन्तः करण में जम चुकी थी और तद्नुरूप प्रयत्न भी जुटते चले गये। इतना ही नहीं आर्की मूर जैसे प्राणवान, आत्म विश्वासी एवं प्रतिभा के धनी व्यक्ति की संगति पाकर उसका संकल्प और भी दृढ़ होता चला गया। यद्यपि फ्रैजर की आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं थी, फिर भी उसने अपनी मनःस्थिति को विचलित नहीं होने दिया। फलतः वर्ष 1964 में टोकियो में आयोजित ओलम्पिक गेम्स में यू.एस.ए. की तरफ से प्रतिनिधि चुना गया।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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