Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
संसार में ऐसे कितने ही व्यक्ति हुए हैं। जिनने विपन्नता एवं कठिन परिस्थितियोँ के बीच रहकर भी आत्म-विश्वास एवं ईश्वरीय आस्था के बल पर उसका डटकर मुकाबला किया और क्रमशः प्रगति करते हुए चरम उत्कर्ष पर पहुँचे। संकल्प बल जगते ही प्रयास भी तद्नुरूप चल पड़ते हैं। और अदृश्य सहायता भी मिलती है।
__________________
************************************
मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
*************************************
|