Re: मेलजोल
‘पपुनेगुव’ अर्थात् पत्रकार, पुलिस, नेता, गुण्डा और वकील की उन्नति की बात पर भी क्या कबीरदास कुछ लिखने से चूकते? आगे पढ़िए—
कबीरा उन्नति पाय कै, नेता मन्त्री बन जाय।
पत्रकार एडिटर बनै, गुण्डा बाहुबली कहलाय।।1।।
अर्थ स्पष्ट है- उन्नति होने पर नेता मन्त्री बन जाता है, पत्रकार सम्पादक बन जाता है और गुण्डा बाहुबली कहलाता है।
वकील पीपी जज बनै, पुलिस कप्तान बन हड़काय।
कबिरा कछु उन्नति नहीं, लेखक लेखक रहि जाय।।2।।
अर्थ स्पष्ट है- उन्नति होने पर वकील पब्लिक प्रॉसिक्यूटर तथा जज बन जाता है और पुलिस शहर का कप्तान बनकर हड़काने लगता है, किन्तु कबीरदास की कोई उन्नति नहीं होती क्योंकि एक लेखक हमेशा लेखक ही रहता है।
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