Re: अनोखे गीत - २
फिल्मः अनुभव
मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान, मेरी जान
जान ना कहो अनजान मुझे
जान कहा रहती है सदा
अनजाने क्या जाने, जान के जाए कौन भला
सूखे सावन बरस गये
कितने बार इन आँखों से
दो बुँदे ना बरसे, इन भीगी पलकों से
मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान, मेरी जान
होंठ झुके जब होंठोंपर
साँस उलझी हो साँसों में
दो जुड़वा होंठों की, बात कहो आँखों से
मुझे जान ना कहो मेरी जान
मेरी जान, मेरी जान
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