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जाति-मजहब और देश
◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ हमारे ज़ेहन में वो दर्द कितने बो गए टुकड़े न लौटे आजतक वापस जिगर के जो गए टुकड़े खड़ी होने नहीं देना यहाँ तुम जाति-मजहब को हमें बाँटा गया, फिर देश के थे हो गये टुकड़े मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक -15/11/2024 ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 |
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