17-12-2020, 01:15 AM | #1 |
Diligent Member
|
कोरोना ने रोक दी दुनिया की रफ्तार
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कोरोना से भी अधिक, घातक थी वह भूख। जिसके कारण राह में, प्राण रहे थे सूख।। सभी घरों में बंद थे, थी दुनिया बेहाल। कोई भूलेगा नहीं, मौतों का यह साल।। याद करेगा देश यह, सरकारों की भूल। मदिरालय को छूट थी, बंद रहे स्कूल।। रोज़ी-रोटी ना बची, बचे नहीं व्यापार। कोरोना ने रोक दी, दुनिया की रफ्तार।। कोरोना से मुक्त है, गज भर नहीं जमीन। जाने कैसी त्रासदी, लेकर आया चीन।। रात अमावस की तरह, फैल रहा यह रोग। मौत खड़ी है सामने, सजग नहीं हैं लोग।। रचना -आकाश महेशपुरी दिनांक- 16/12/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 18-12-2020 at 09:54 AM. |
Bookmarks |
|
|