06-07-2017, 07:18 PM | #1 |
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इंसानियत
रजनीश मंगा / Rajnish Manga इंसानियत दुनिया का पहला और अंतिम धर्म है. हर पवित्र पुस्तक के इक इक शब्द में यह मर्म है. जो कभी इन पुस्तकों की गहराइयों तक न गये, फिरक़ापरस्ती खून खच्चर में उन्हें क्या शर्म है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
07-07-2017, 12:35 AM | #2 |
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Re: इंसानियत
बहुत खूब लिखा है आपने भाई सच में आज सब मिल जाता है किन्तु जहाँ स्वार्थ की बात की इंसानियत गुम हो जाती है धन्यवाद भाई इतने उच्च विचार हमसे शेयर करने के लिए
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07-07-2017, 11:07 AM | #3 |
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Re: इंसानियत
कविता की इतनी सुंदर समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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