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21-11-2012, 11:49 PM | #1 |
Diligent Member
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हो सके तो इस दर्द ऐ दिल कोई की दवा कीजिये !
यूँ ना कुरेद जालिम तू मेरे जख्मों को
हो सके तो इस दर्द ऐ दिल कोई की दवा कीजिये ! ना कर इंतजाम मेरी मौत का जालिम हो सके तो मेरी लम्बी उम्र की दुआ कीजिये ! तिल तिल करके मुझे मारने का ना पाल इरादा हो सके तो हमेशा खुश रखने का भी वादा कीजिये ! ना यूँ रहो आँखों से तुम मेरी ओझल सदा कभी चुपके चुपके मिलने की भी सलाह कीजिये ! गर ना कर सको तुम मुझ से वफ़ा उम्र भर जियो बन के बेवफा उम्र भर ऐसी भी ना खता कीजिये ! खाब तुम्हारे देखे हैं हर वक़्त मैंने ना मिलने देगा हमको बेदर्द जमाना ''' नामदेव''' तो क्या कीजिये ! लेखक .....सोमबीर नामदेव गाँव ..... ...डाया, जिला...... हिस्सार (हरियाणा ) मोब ,न.9321083377 |
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