13-11-2010, 03:08 PM | #1 |
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~ चार्टर्ड एकाउंटेंट या एमबीए ~
कॉमर्स इंडस्ट्री में उच्च शिक्षा के दो पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों के बीच हमेशा कसमकश रहती है। ये दो कोर्सेस हैं- एमबीए और सीए। सीए एक जीरो खर्च वाला पाठ्यक्रम है जबकि एमबीए कोर्स की फीस आज आसमान छूती नजर आ रही है। ऐसे भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं जहाँ एमबीए की फीस ८ लाख से २० लाख रुपए तक है। इसकी तुलना में सीए की पढ़ाई पर कुछ खास खर्चा नहीं है।' प्रशिक्षु सीए को लगभग ४००० रुपए प्रति माह वजीफा (ट्रेनी स्टायपेंड) मिलता है जो तीन वर्ष में लगभग १.४ लाख रुपए होता। इतनी ही फीस सीए की बैठती है। एक सीए का वेतन भी एमबीए की तुलना में कहीं अधिक होता है। कैंपस प्लेसमेंट में ७ लाख रुपए सालाना का वेतन बहुत आराम से मिलता है। यदि सामाजिक प्रतिष्ठा देखी जाए तो नाम मे सीए लिखा जा सकता है, एमबीए नहीं। कोई कंपनी एमबीए के बिना तो चलाई जा सकती है परंतु सीए के बिना नहीं। कॉमर्स से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए) की पढ़ाई को लेकर छात्रों के मन में कहीं न कहीं एक भय बना रहता है कि ये पाठ्यक्रम बहुत मुश्किल है। यह डर उन लोगों द्वारा बनाया हुआ होता है जो काफी समय पहले यह कोर्स कर चुके होते हैं या फिर उन लोगों द्वारा जिन्होंने सीए बनने की कोशिश तो की परंतु बन नहीं पाए। कुछ वर्ष पूर्व हमारे समाज के एक बड़े वर्ग में माता-पिता अपने बच्चे की उच्च शिक्षा में ४ वर्ष नहीं लगाना चाहते थे। आम धारणा यह बनी रही के छात्र स्नातक हो गया, बस अब कमाने लग जाए। ऐसे में उच्च शिक्षा के नाम पर एमबीए नई दिशा निकलकर आई जिसने छात्रों को बेहद प्रभावित किया। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो आधी से भी कम अवधि की पढ़ाई! बस फिर क्या, गली-गली बी इंस्टिट्यूट तथा यूनिवर्सिटी खुलने लगीं। आज हर ४ में से ३ छात्र आपको एमबीए करते नजर आ जाएँगे। जबकि सीए की बात की जाए तो भारत में चार्टर्ड एकाउंटेट का मात्र एक संस्थान है जो कि जरूरत पड़ने पर ट्रेनिंग आयोजित करता है और परिणाम घोषित करता है। भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान ही एक ऐसा संस्थान है जहाँ आपको शून्य प्रतिशत बेरोजगारी देखने को मिलेगी। |
13-11-2010, 03:29 PM | #2 |
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आपके द्वारा निर्मित सूत्र बहुत ही उत्तम और सोचनीय भी है.. इस हेतु "धन्यवाद "
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13-11-2010, 03:35 PM | #3 |
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बहुत ही अच्छा सूत्र शुरू किया है आपने.. मेरे पास एक सवाल है..
इंजीनियरिंग डिग्री के बाद MBA कैसा option होता है.. इसके क्या क्या फायदे और नुक्सान है
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
13-11-2010, 03:42 PM | #4 |
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महँगा और हमे तो पसन्द नहीं। यदि स्वयं का व्यवसाय हो या नौकरी के लिए पौवा लगवा सकते है तो ठीक है नहीं तो सीए ही मस्त है अभिषेक भाई जी।
आहा हा हा हा … घाटे की बात करता ही नहीं हूँ अतः फायदे की बात करें तो.... भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट की माँग तेजी से बढ़ रही है। यह कोर्स करने के बाद हम किसी भी प्रख्यात कंपनी में बतौर फाइनेंस मैनेजर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, फाइनेंसियल एडवाइजर या फाइनेंस डायरेक्टर की हैसियत से काम कर सकते हैं। एकाउंटेंसी, ऑडिटिंग, कॉस्ट एकाउंटेंसी, टैक्ससेशन, इन्वेस्टीगेशन तथा कंसलटेंसी में भी आगे अवसर हैं। आजकल भारत में किसी अन्य पाठ्यक्रम के योग्य पेशवरों की अपेक्षा सीए का महत्व बहुत ऊँचा हो गया है। वित्त और लेखा आउटसोर्सिंग की यदि बात की जाए तो बढ़ते बाजार में चार्टर्ड एकाउंट के वारे-न्यारे होने हैं। विकासशील अर्थव्यवस्था को देखते हुये पाठ्यक्रम की काफी आवश्यकता है। धन्यवाद Last edited by YUVRAJ; 13-11-2010 at 03:52 PM. Reason: edit |
13-11-2010, 03:45 PM | #5 |
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आपने बहुत ही अच्छा सूत्र बनाया है. जैसे कि अपने स्वयं ही कहा है कि जगह जगह बिजनेस स्कूल खुल जाने के कारण इनकी गुणवत्ता पर नियंत्रण नहीं रखा जा सका और ये केवल पैसा कमाने और बेरोजगार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने के साधन मात्र बन गए. जबकि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान एक मात्र ऐसी संस्था है जिसको सी. ए. की डिग्री देने का अधिकार है. और कोई भी संस्थान ऐसा भारत में नहीं है जो ऐसा कर सके. इसके ऊपर एक सेन्ट्रल कौंसिल के द्वारा नियंत्रण रखा जाता है जो कि इस संस्थान के सदस्यों द्वारा चुने हुए सदस्य ही होते हैं. अब उतना सस्ता तो नहीं रहा जितना कि पहले होता था. पर फिर भी आज भी काफी सस्ते कैरियर विकल्प के रूप में इसे देखा जाता है. धन्यबाद.
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13-11-2010, 03:49 PM | #6 |
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बहुत बढिया सुत्र का निर्माण किया है आपने युवी भाई
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13-11-2010, 04:05 PM | #7 | |
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Quote:
अब इसकी लागत अगले कुछ साल तो नहीं बढ़ने वाली ऐसा आई.सी.ए.आई के चेयर man ये स्टायपेंड बहुत कम जगह मिलता है , सिर्फ बड़ी फर्म ही अधिक स्टायपेंड देती है आई.सी.ए.आई द्वारा स्टार्ट में सिर्फ १००० स्टायपेंड निर्धारित है जो सी.ए स्टायपेंड देते है वो चेक तो दिखने के लिए देते है वापिस केश के रूप में वापिस ले लेते है में खुद अनुभवी हू अगर कोई चाहे तो सी.ए. केसे किया जा सकता है उसे अच्छे से समझा सकता हू .. युवराज भाई युवाओ के लिए अच्छा सूत्र बनाया पर आपकी जानकारी में कुछ कमिय थी जो मेने सुधरने की कोशिश की है |
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13-11-2010, 04:15 PM | #8 | |
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आपने अच्छा किया जो अन्दरूनी बातों को सामने रखा। आप धन्यवाद के पात्र हैं।
अनुभव को बाटने के लिये ही सूत्रों का निर्माण होता है अतः स्वयं के अनुभवों को फोरम परिवार में खुल कर रखें ताकि कोई प्रश्न ही बाकी न रहे और सभी सदस्य अच्छे से समझ सकें। धन्यवाद। Quote:
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13-11-2010, 04:19 PM | #9 | |
Senior Member
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Quote:
इस कार्य में मुझे सी.ए अनिल भैया (Aksh) की मदद की जरुरत पड़ेगी में थोड़ी बहुत जानकारी तो आज ही देने का प्रयास करुगा |
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13-11-2010, 04:50 PM | #10 |
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हम जब सी.ए. करने के बारे में सोचेगे तो कुछ प्रश्न दिमाग में आयेगे
हम सी.ए. करने की शुरुआत केसे करे ?? इसके के लिए आपको सर्वप्रथम सी.ए. इंस्टिट्यूट में रजिस्ट्रेशन करना होगा, जो सभी राज्य (state) के कुछ शहरो में स्थित है (किसी को लिस्ट चाहिए हो तो बता देना) सी.ए के कोर्से में रजिस्ट्रेशन करने के लिए कम से कम १०+ पास होना जरुरी है आप को पहले सी.पी.टी. में रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है , ये रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी किया जा सकता है इसके लिए इस साईट पर जाए www.icai.org रजिस्ट्रेशन करने के बाद जब तक आप १०+२ पास नही कर लेते तब तक सी.पी.टी. का प्रथम एक्साम देने के योग्य नहीं होते जब आप १०+२ पास कर लेते है या उसका एक्साम दे चुके होते है तो आप एक्साम फॉर्म भर सकते है जिसकी फीस ४०० या ६०० है अगर आपने १०+२ एक्साम पास करने से पूर्व सी.पी.टी. एक्साम फॉर्म भर दिया है तो आपको फॉर्म भरने के ३ माह के भीतर अपनी सत्यापित (attested) १०+२ की मार्कशीट कॉपी भेजनी अनिवार्य है सी.पी.टी. का एक्साम हर साल दो बार आयोजित किया जाता है जून और दिसम्बर इसमें कोर्से १२ लेवल का ही होता है basic accounts law QT Economics जारी .......... ( नोट : इस जानकारी के लिए फोरम या कोई भी सदस्य जिमेदारी नहीं लेता है सी.ए इंस्टिट्यूट समय समय पर परिवर्तन करता रहता है जिसकी जानकारी यहाँ से प्राप्त करे www.icai.org ) |
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